वो उसकी मासूम सी शरारतें ,
मेरे बाहर जाते वक्त गाड़ी की चाबी छुपा लेना ,
अच्छा लगता है….
मेरे साफ़ किए हुए रूम को फिरसे खराब कर देना,
और फिर मेरे गुस्सा होने पर प्यार से दीदी बोलकर उसका गले लगाना ,
अच्छा लगता है….
उसका वह मेरे लिए चॉकलेट बचाना,
इतना प्यार देना ,
अच्छा लगता है….
एक गलती करने पर प्यार से सॉरी बोलना ,
और उस एक गलती से उसका सिखना ,
अच्छा लगता है….
पूरे साल उसके दस- दस रुपये बचाना,
और राखी बांधी राखी बांधते वक्त…
वह सारे पैसे मुझे दे देना,
अच्छा लगता है….
इन आंखों में खुशी के आंसू आ जाना,
मुझे अच्छा लगता है…
हाँ मुझे अच्छा लगता है..!!
काजल कुमावत