कहाँ हो माँ, मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ  – अभय कुमार

कहाँ हो माँ, मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ 

वो देर तक सोना और डाट कर सुबह जगाना 

वो सुबह बहुत याद आती हैं माँ 

कहाँ हो माँ, मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ

वो रात को सोते समय सर पर हल्के से हाथ रखना और सर को खुजलाना वो रात बहुत याद आती हैं माँ 

कहाँ हो माँ,मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ

बिना बताये दोपहर में चोरी चुपके से खेलने चले जाना और शाम तक घर लौटना इसके बाद आपका मुझपर गुस्सा करना और डाटना वो शाम बहुत याद आती हैं माँ

कहाँ हो माँ, मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ

बिना आपके खाना निकाले दिन में  मैं खुद से नही  निकालर खाना  खाता था माँ 

वो दिन आज बहुत याद आती हैं माँ 

कहाँ हो माँ, मुझे आप बहुत  याद आती हैं माँ 

 

अभय कुमार

 

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