तुम क्यों पल भर की मौत से
डरते हो मानव?
कभी देखा है किसी भूखे बच्चे को
कचरे में से खुशियां ढूंढते?
डरते हो मानव?
कभी देखा है किसी भूखे बच्चे को
कचरे में से खुशियां ढूंढते?
तुम क्यों पल भर की तड़प से
डरते हो मानव ?
कभी देखा है रास्ते के किनारे
बूढ़ी हथेलियों को ठिठुरते?
तुम क्यों पल भर की घुटन से
डरते हो मानव ?
कभी देखा है मासूम बेटियों को
अत्याचार की आग में झुलसते?
अगर देखा है तो समझ जाओगे
पल पल मरने का लोगों में कितना जुनून है,
अगर समझा है तो पहचान जाओगे
तेरी पल भर की मौत में कितना सुकून है ।
भावना शर्मा
विद्यार्थी
गुवाहाटी, असम