मुझसे मत पूछना मेरा पता
अभी कहीं बीते वक़्त की यादों में सिमटा मिलूंगा
जो कहानी बंद कर दी थी
उन्हें पढ़ता हुआ मिलूंगा
मै उन खूबसूरत पलो में कहीं खोया मिलूंगा
जो हस्ते दिखूं तो समझ लेना
मै फिर उन रंगों में रंग रहा हूं
बस वापिस समेट रहा हूँ हर जज़बात को अपने
जिनके सहारे मै फिलहाल जी रहा हूँ
वक़्त को बस कुछ देर रुकने को बोल रहा हूँ
उससे बस कुछ पल वापिस लौटाने को बोल रहा हूँ |
-आशी अरोड़ा