साहित्य

जीवन परिचय : महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा (26 मार्च, 1907-11 सितंबर, 1987) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत के साथ महत्वपूर्ण स्तंभ मानी जाती हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। कवि निराला ने उन्हें

कवि परिचय : रामधारी सिंह दिनकर

हिन्दी के प्रसिद्ध कवियों में से एक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को  सिमरिया नामक स्थान पे हुआ। इनकी मृत्यु 24 अप्रैल, 1974 को चेन्नई) में हुई । जीवन परिचय  हिन्दी के सुविख्यात कवि रामाधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 ई. में सिमरिया, ज़िला

लेखक परिचय : महावीर प्रसाद द्विवेदी

महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का जन्म सन् 1864 ई. में उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले के दौलतपुर गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम रामसहाय द्विवेदी था। कहा जाता है कि उन्हें महावीर का इष्ट था, इसीलिए उन्होंने अपने पुत्र का नाम महावीर सहाय रखा।  शिक्षा महावीर प्रसाद द्विवेदी

कवि परिचय : मैथिलीशरण गुप्त

मैथिलीशरण गुप्त  (3 अगस्त सन् 1886- 12 दिसम्बर 1964) का जन्म चिरगाँव, झाँसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। मैथिलीशरण गुप्त के पिता का नाम ‘सेठ रामचरण’ और माता का नाम ‘श्रीमती काशीबाई’ था। पिता रामचरण निष्ठावान राम भक्त थे। इनके पिता ‘कनकलता’ उप नाम से कविता किया करते थे ।

लेखक परिचय: हरिवंश राय बच्चन

बच्चन का जन्म 27 नवम्बर 1907 को इलाहाबाद से सटे प्रतापगढ़ जिले के एक छोटे से गाँव बाबूपट्टी में एक कायस्थ परिवार मे हुआ था। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। इनको बाल्यकाल में ‘बच्चन’ कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बच्चा’

कवि परिचय :सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला

सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला (21 फरवरी, 1986 – 15 अक्टूबर, 1961) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। वे जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। उन्होंने कई कहानियाँ, उपन्यास और

लेखक परिचय : हरिशंकर परसाई 

इस कौम की आधी ताकत लड़कियों की शादी कराने में जा रही हैं – हरिशंकर परसाई हरिशंकर परसाई जी हिन्दी साहित्य जगत के महान व्यंगकारो एवं प्रसिद्ध लेखकों में से एक गिने जाते हैं । सबसे पहले इनके द्वारा ही व्यंग को हिन्दी साहित्य में एक विधा  रूप प्राप्त हुआ 

कवि परिचय: अमृता प्रीतम (1919-2005)

मैं तुझे फिर मिलूँगी  कहाँ  कैसे पता नहीं  शायद तेरी कल्पनाओ की प्रेरणा बन तेरे कैनवास पर उतरूँगी  मैं तुझे फिर मिलूँगी  कहाँ  कैसे पता नहीं  -अमृता प्रीतम  अमृता प्रीतम का जन्म 1919 में गुजराँवाला में हुआ था। इनका बचपन लाहौर में बीता और शिक्षा भी वहीं पर हुई। इन्होंने

आत्‍मकथ्‍य – जयशंकर प्रसाद

मधुप गुन-गुनाकर कह जाता कौन कहानी अपनी यह, मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी। इस गंभीर अनंत-नीलिमा में असंख्‍य जीवन-इतिहास यह लो, करते ही रहते हैं अपने व्‍यंग्‍य मलिन उपहास तब भी कहते हो-कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती। तुम सुनकर सुख पाओगे, देखोगे-यह गागर रीती। किंतु कहीं ऐसा

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